आम Computer का सभी लोग अपने घरों में दफ्तरों में दिनों में बहुत ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सुपर कंप्यूटर की स्पीड आम कंप्यूटर से कहीं ज़्यादा होती है। भारत में अभी तक 18 सुपर कंप्यूटर मौजूद हैं, जिनमें जल्द ही नौ सुपर कंप्यूटर और जुड़ने वाले हैं। इससे मोदी कैबिनेट ने डिजिटल इंडिया के लिए 14,903 करोड़ रुपया की मंज़ूरी दी है।
केंद्रीय मंत्री अश्विन वैष्णव ने बताया कि NSM (नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मशीन) के तहत नौ और सुपर कंप्यूटर जोड़े जाएंगे। सेंट्रल गवर्नमेंट ने 2015 में डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया था, जिसके तहत सुपर कंप्यूटर में लाँच की गई थी, जिसकी साढ़े 4 हज़ार करोड़ की लागत से इंस्टॉल करने की मंज़ूरी भी दी गई थी।
सुपर कंप्यूटर और आम कंप्यूटर:
सुपर कंप्यूटर मुश्किल से मुश्किल कैलकुलेशन को कुछ ही सेकंड में कर देता है और इस स्पीड को FLOPS (फ़्लोटिंग प्वाइंट ऑपरेशन पर सेकेंड) से नापा जाता है। जितने ज़्यादा FLOPS होंगे, उतनी ही ज़्यादा सुपर कंप्यूटर की स्पीड होगी।
सुपर कंप्यूटर का यूज़ मौसम की भविष्यवाणी, फिजिक्स के कैलकुलेशन, न्यूक्लियर फ़्यूज़न, परसों मेडिकल रिसर्च में ज़्यादा काम आता है। नामीबद्ध आँकड़ों के अनुसार, सबसे ज़्यादा सुपर कंप्यूटर चीन और अमेरिका के पास मौजूद हैं। भारत के पास ‘ऐरावत’, ‘परम सिद्धि’, और ‘प्रत्यूष’ नामक सुपर कंप्यूटर हैं। ‘ऐरावत’ भारत का सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर है, जो पूना में ‘सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस कंप्यूटर’ में इंस्टॉल किया गया था। वर्तमान में दुनिया के सबसे तेज़ 500 सुपर कंप्यूटरों में ‘ऐरावत’ 75वें स्थान पर आता है।
सुपर कंप्यूटर और आम कंप्यूटर:
जो कंप्यूटर हम अपने ऑफ़िस और घरों में इस्तेमाल करते हैं, उनमें अंतर केवल कोर (cores) के काम में होता है। आम कंप्यूटर में 4 कोर्स, 8 कोर्स, 16 कोर्स या इससे ज़्यादा कोर्स हो सकते हैं, लेकिन सुपर कंप्यूटर में लाखों या हज़ारों कोर्स तक जाते हैं। यह उसकी सबसे बड़ी खासियत है, जिससे इसकी स्पीड का आइडिया काफ़ी आसानी से लगा सकते हैं। भारत में ये सुपर कंप्यूटर बहुत जल्दी उपलब्ध होने वाले हैं।