Top 10 Moral Stories in Hindi: “A2Z Latest News” के अनुसार, बच्चों को जीवन के महत्वपूर्ण पाठ और मूल्यों को सिखाने के लिए नैतिक कहानियाँ एक अच्छा तरीका होता है! ये कहानियाँ बच्चों को न केवल मनोरंजन प्रदान करती हैं, बल्कि उन्हें उनके भविष्य के लिए महत्वपूर्ण सिख भी देती हैं!
इस लेख में, हमने हिंदी में शीर्ष 10 नैतिक कहानियों की एक सूची तैयार की है जो आपके बच्चों को मूल्यवान सिख देने में मदद कर सकती हैं!
नैतिक कहानियाँ हमारे संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और ये पीढ़ियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं! ये कहानियाँ हमें मूल्यवान सिख सिखाती हैं जो हमें अच्छे निर्णय लेने में मदद कर सकती हैं!
चतुर कौआ की कहानी
यह कहानी है एक चतुर कौए की, जिसने अपनी प्यास बुझाने के लिए एक अद्भुत योजना बनाई। वो कौआ देखता है कि जग में पानी की कमी है, लेकिन वह हार नहीं मानता।
तो कौआ सोचता है, समस्या का समाधान कैसे निकाल सकता है। फिर उसके मन में एक ख्याल आता है। वह जग के चारों ओर से कुछ कंकड़ डालने लगता है, जिससे पानी की स्तर बढ़ जाती है! अब कौआ आसानी से पानी पी सकता है और उसकी प्यास बुझ जाती है।
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि जब हमें मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, तो हमें अलग-अलग और नए तरीकों से समस्याओं का समाधान ढूंढना चाहिए।
Moral: समस्याओं का समाधान खोजने के लिए आपकी बुद्धिमत्ता ही सबसे बड़ी सहायक हो सकती है।
शेर और चूहा की कहानी
यह कहानी है एक शेर और एक चूहे की, जिनके बीच में एक खास रिश्ता बनता है। शुरुआत में, शेर की मनोबल बहुत उच्च होती है और उसका यही मनोबल चूहे के साथ खेलने की दिशा में बदल जाता है।
एक दिन, जब चूहा अपने दोस्त शेर के साथ खेल रहा था, वह शेर के पास आकर बोला, “क्या तुम मुझे खाओगे?” शेर ने हँसते हुए उत्तर दिया, “नहीं, मैं तुम्हें कभी नहीं खा सकता। मैंने अभी अच्छा खाया है।”
उसके बाद, शेर और चूहा अच्छे दोस्त बन गए। शेर ने चूहे को बताया कि कैसे वह जंगल के खतरों से बच सकता है। थोड़ी देर बाद, शेर चला गया लेकिन चूहा उसकी सलाह को याद रखता है।
एक दिन, शेर शिकारी के जाल में फंस जाता है। वह चीखता है और चूहे को बुलाता है। चूहा देखता है कि शेर जाल में फंसा हुआ है, तो वह तुरंत आकर शेर की मदद करने के लिए काम में लग जाता है।
चूहा ने जाल को काटकर शेर को बचाया। शेर बहुत खुश होता है और चूहे की दयालुता के लिए उसकी प्रशंसा करता है! इस तरह चूहा ने शेर की मदद करके उसकी दयालुता का बदला लिया!
Moral: दया कभी व्यर्थ नहीं जाती, और दूसरों के साथ दयालु रहना हमें आत्मा को भी शांति देता है।
सिख: दयालुता कभी भी छोटी नहीं होती, बल्कि यह हमारे दिल में खुशी और समृद्धि का स्रोत बनती है।
लालची कुत्ता (लालच का अंजाम) की कहानी
एक गांव में एक कुत्ता रहता था। वह बहुत ही लालची था। एक दिन उसने दूसरे कुत्ते की हड्डी देखी। उसने सोचा कि वह हड्डी से अपनी भूख मिटा सकता है।
उसने जल्दी से हड्डी को लेकर दौड़ना शुरू किया। वह एक पुल पार करने की ओर जा रहा था और पुल के किनारे पहुंचकर उसने पानी में अपना प्रतिबिंब देखा।
उसे लगा कि पानी में एक और कुत्ता है जिसकी हड्डी उससे भी बड़ी है। लालच से भरा हुआ वह कुत्ता उस पानी में दिख रहे दूसरे कुत्ते की हड्डी को भी हड़पने की सोचने लगा और उस दूसरे कुत्ते को डराने के लिए भोंकने लगा!
लेकिन जैसे ही उसने डराने के लिए अपना मुंह खोला, तब वह अपनी हड्डी भी पानी में गिरा दी। और अब उसने लालच के कारण अपनी हड्डी भी खो दी और अंत में उसे कुछ भी नहीं मिला।
Moral: कुत्ता फिर दूसरे कुत्ते की हड्डी को हड़पने के लिए अपनी हड्डी गिरा देता है, और अंत में कुछ भी नहीं पाता है! इस कहानी से सीख मिलती है कि लालच से नुकसान हो सकता है!
संघर्ष का मार्ग (The Path of Struggle)
यह कहानी एक गरीब लड़के के बारे में है, जो सपनों की पुरी करने के लिए संघर्ष करता है। वह अपनी मेहनत और संघर्ष के बावजूद कई बार आगे नहीं बढ़ पाता है।
लेकिन उसकी मेहनत और आत्मविश्वास के बाद, वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करता है और सफलता पाता है।
Moral: इस कहानी से हमें सिख मिलती है कि संघर्ष और मेहनत से हम किसी भी मुश्किल से पार पा सकते हैं।
टोपी बेचने वाला और बंदर की कहानी
यह कहानी एक टोपी विक्रेता की है जो टोपियां बेचता है। एक दिन, वह टोपियां बेचते समय एक पेड़ के नीचे सो जाता है। जब वह उठता है, तो उसे दिखता है कि बंदरों ने उसकी टोपियां ले ली हैं!
टोपी विक्रेता फिर अपनी टोपी को जमीन पर फेंकता है और वह टोपी पाने की योजना के साथ आता है! बंदर उसका पीछा करने लगते हैं। टोपी विक्रेता अपनी टोपियों को वापस पाने के तरीके पर विचार करता है और उसे सफलता मिलती है!
Moral of the Story: इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि जब हम त्वरित और बुद्धिमता से सोचते हैं, तो हम चुनौतियों को पार करने में सक्षम हो सकते हैं!
लोमड़ी और अंगूर की कहानी
यह कहानी एक लोमड़ी की है, जो अंगूर खाने की कोशिश करती है, पर उस तक अंगूर नहीं पहुंच पाते। फिर लोमड़ी खुद को समझाती है कि अंगूर खट्टे हैं और खाने लायक नहीं हैं!
इस कहानी की सिख यह है कि कभी-कभी हम कुछ चाहते होते हैं, पर उसे पाने में नाकाम होते हैं। लेकिन बाद में हम खुद को यह समझाते हैं कि शायद हमें वो चीज़ वाकई में चाहिए नहीं थी।
Moral: जिन चीज़ों का हमारे पास नहीं होता, उनका तिरस्कार करना आसान होता है।
चींटी और टिड्डा की कहानी
यह कहानी एक चींटी की है जो सर्दियों के लिए खाने का इकट्ठा करने में बहुत मेहनत करती है! वह अपने लिए खाने का संग्रह करती है ताकि जब सर्दियाँ आएं, तो उसके पास कुछ हो। वह अपने लक्ष्य की दिशा में मेहनत करती है!
दूसरी ओर, एक टिड्डा अपना समय गायन और नृत्य में बिताता है! जब सर्दियाँ आती हैं, तो टिड्डे के पास खाने की आपूर्ति नहीं होती।
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि मेहनत करके हम अपने लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं और आने वाले समय के लिए तैयार रह सकते हैं।
Moral of the Story: कठिनाइयों का सामना करने में मेहनत का फल हमेशा मिलता है।
खरगोश और कछुआ की कहानी
यह कहानी एक खरगोश की है, जो बहुत आत्मविश्वासी है और एक कछुए को दौड़ में मुकाबले के लिए चुनौती देता है! दौड़ के दौरान, खरगोश सोचता है कि वह आसानी से जीत जाएगा और वह झपकता है!
परंतु कछुआ धीरे-धीरे और बिना रुके दौड़ता रहता है और आखिरकार दौड़ में जीत हासिल करता है!
Moral: समय के साथ दृढ़ता और स्थिरता से कियी गई कठिनाइयों का समाधान सफल होता है।
बन्दर और मगरमच्छ की कहानी
एक नदी के किनारे एक जामुन के पेड़ पर एक बन्दर रहता था. उस पेड़ पर बहुत ही मीठे-मीठे जामुन लगते थे. एक दिन एक मगरमच्छ खाना तलाशते हुए पेड़ के पास आया. बन्दर ने उससे पूछा तो उसने अपने आने की वजह बताई. बन्दर ने बताया की यहाँ बहुत ही मीठे जामुन लगते हैं और उसने वो जामुन मगरमछ को दिए. उसकी मित्रता नदी में रहने वाले मगरमच्छ के साथ हो गयी. वह बन्दर उस मगरमच्छ को रोज़ खाने के लिए जामुन देता रहता था.
एकदिन उस मगरमच्छ ने कुछ जामुन अपनी पत्नी को भी खिलाये. स्वादिष्ट जामुन खाने के बाद उसने यह सोचकर कि रोज़ाना ऐसे मीठे फल खाने वाले का दिल भी खूब मीठा होगा, उसने अपने पति से कहा कि उसे उस बन्दर का दिल चाहिए और वो इसी ज़िद पर अड़ गई. उसने बीमारी का बहाना बनाया और कहा कि जब तक बन्दर का कलेजा उसे मिलेगा वो पायेगी.
पत्नी कि ज़िद से मजबूर हुए मगरमच्छ ने एक चाल चली और बन्दर से कहा कि उसकी भाभी उसे मिलना चाहती है. बन्दर ने कहा कि वो भला नदी में कैसे जायेगा? मगरमच्छ ने उपाय सुझाया कि वह उसकी पीठ पर बैठ जाये, ताकि सुरक्षित उसके घर पहुँच जाए.
बन्दर भी अपने मित्र की बात का भरोसा कर, पेड़ से नदी में कूदा और उसकी पीठ पर सवार हो गया. जब वे नदी के बीचों-बीच पहुंचे, मगरमच्छ ने सोचा कि अब बन्दर को सही बात बताने में कोई हानि नहीं और उसने भेद खोल दिया कि उसकी पत्नी उसका दिल खाना चाहती है. बन्दर का दिल टूट गया, उसको धक्का तो लगा, लेकिन उसने अपना धैर्य नहीं खोया.
बन्दर तपाक से बोला “ओह मेरे मित्र तुमने, यह बात मुझे पहले क्यों नहीं बताई क्योंकि मैंने तो अपना दिल जामुन के पेड़ में सम्भाल कर रखा है. अब जल्दी से मुझे वापस नदी के किनारे ले चलो ताकि मैं अपना दिल लाकर अपनी भाभी को उपहार में देकर उसे खुश कर सकूं.”
मूर्ख मगरमच्छ बन्दर को जैसे ही नदी-किनारे ले कर आया बन्दर ने ज़ोर से जामुन के पेड़ पर छलांग लगाई और क्रोध में भरकर बोला, “मूर्ख ,दिल के बिना भी क्या कोई ज़िन्दा रह सकता है ? जा, आज से तेरी-मेरी दोस्ती समाप्त.”
Moral: इससे पहली यह सीख मिलती है कि मुसीबत के क्षणों में धैर्य नहीं खोना चाहिए और अनजान से दोस्ती सोच समझकर करनी चाहिए. – दूसरे, मित्रता का सदैव सम्मान करें.
द बॉय हू क्राई वुल्फ (लालची लडका) की कहानी
यह कहानी एक लड़के के बारे में है, जो झूठ बोलता था कि उसकी भेड़ों पर एक भेड़िया हमला कर रहा है।
गांव वाले जानकारी के लिए आते हैं, लेकिन जब उन्हें पता चलता है कि वास्तविकता यह है कि भेड़िया नहीं है, तो वे लड़के पर विश्वास नहीं करते हैं।
जब असली भेड़िया वाकई आता है और लड़के की भेड़ों पर हमला करने की कोशिश करता है, तो वह लड़का मदद के लिए चिल्लाता है, लेकिन कोई उस पर विश्वास नहीं करता है और असली भेड़िया उसकी भेड़ों को खा जाता है।
Moral: इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि सच्चाई बोलना हमेशा सही होता है।