हिंदू पंचांग के अनुसार, 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से पूर्णिमा तिथि शुरू होगी और भद्रा नक्षत्र रात को 09 बजकर 01 मिनट तक रहेगा।
रक्षाबंधन 2023 विशेष मौके पर, रक्षाबंधन का त्योहार पूरे दिन रहेगा, और यह दिन भाई-बहन के प्रेम और सदभाव का प्रतीक है।
भाई-बहन के पर्व के रूप में रक्षाबंधन में, बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं, जबकि भाई उन्हें आशीर्वाद और उपहार देता है।
आचार्यों के अनुसार, भद्रारहित काल में राखी बांधने से भाई को कार्य सिद्धि और विजय प्राप्त हो सकती है।
सावन पूर्णिमा के दिन, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रात 9 बजकर 01 मिनट से लेकर 31 अगस्त की सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगा।
पूजा के लिए एक थाली में स्वास्तिक बनाकर उसमें चंदन, रोली, अक्षत, राखी, मिठाई, और ताज़े फूल रखें।
रक्षाबंधन के दिन, घर के मुख्य द्वार पर ताजे फूलों और पत्तियों से बनी बंधनवार लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर में समृद्धि आती है।
राखी बांधते समय "येन बद्धो बलि राजा..." मंत्र का उच्चारण कर भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें।