E-passport Chip: भारत के हर नागरिक को जो पासपोर्ट बनवाना चाहता है, उसे यह अब प्रतिसप्ताहों के भीतर मिल सकता है। इस नए E-पासपोर्ट के अंदर लगी चिप में सभी तकनीकी टेस्ट पूरे हो चुके हैं और इंडियन सिक्योरिटी की प्रेस ऑफ़ नासिक में 70 लाख पासपोर्ट छप रहे हैं, साथ ही साढ़े चार करोड़ चिप-वाले पासपोर्टों की छपाई की भी ऑर्डर है। इन चिप-वाले पासपोर्टों के बीच रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन भी होती है, जिसमें एक छोटी सी फोल्डेबल एंटीना भी शामिल है। इस चिप में आपकी बायोमैट्रिक हिस्ट्री भी स्टोर होती है।
E-Passport कैसे बनेगा:
ई-पासपोर्ट की प्रक्रिया के तहत, आपको अपनी पुरानी पासपोर्ट बुकलेट की आवश्यकता होगी, जिसमें उसकी पहली और आख़िरी पेज की कॉपी, स्टेट कॉपी और फ़ोटो होगी।
क्या अंतर होगा पुरानी Passport में और E-Passport में
पुराने पासपोर्ट में अंगूठे का निशान, फ़ोटो, नाम और जन्मतिथि की जानकारी दर्ज की जाती है, और इसकी बुकलेट में 60 पेज होती हैं। इसके बाद इसे फिर से इश्यू करवाना पड़ता है और इसकी फ़ीस 1500 से 5500 रुपये तक होती है। डुप्लीकेट कॉपी भी बनाई जा सकती है, लेकिन इसकी चोरी होने की आशंका रहती है और पानी लगने से इसका ख़राब होने का भी खतरा होता है।
ई-पासपोर्ट में उंगलियों की फिंगरप्रिंट और ज्योमेट्रिक जानकारी शामिल होती है, साथ ही डिजिटल सिग्नेचर भी होता है। इसकी डुप्लीकेट कॉपी बनाई नहीं जा सकती और सारी जानकारी सुरक्षित रहती है। चोरी होने का खतरा भी कम होता है।
ई-पासपोर्ट के लाभ:
ई-पासपोर्ट के लाभों में उसके बायोमीट्रिक सिस्टम से शक्ल और इंसान को पकड़ने की क्षमता होती है, जो पुराने फ़ोटो की तुलना में आपकी वर्तमान शक्ल को सही ढंग से पहचानता है।
कुल मिलाकर, ई-पासपोर्ट नए तकनीकी विकास के साथ आता है जिससे इसकी सुरक्षा और प्रवृत्ति में सुधार होता है, और नागरिकों को पासपोर्ट बनवाने में आसानी होती है।